Sunday 3 June 2007

बाराबंकी के किसान

' शहंशाह' थे कल तलक
बिग बी 'नमकहलाल' आज
अदालत कह रही उनको 'नटवरलाल'

उनको 'नटवरलाल' 'कुली' बन गए 'शराबी'
मिलीभगत से कागजात में करी खराबी
नकली किसान बन पहुंचे पूना
हासिल किया प्लॉट
लगा शासन को चूना।


मगर चुना कहां लगाया? रिकार्ड में तो बाकायदा वे खरीदी हुई जमीन के काश्तकार हैं। अमिताभ बच्चन यानि बिग भी अभी भी बाराबंकी के किसान है। उन्हे वह ढाई बीघा जमीन भले ही न मिली हो लेकिन उन्होंने तो पहले ही उतनी जमीन उसी गांव में खरीद रखी है जिसका दाखिल-खारिज भी एक सप्ताह पहले हो चुका है। फैजाबाद के अपर आयुक्त न्यायालय द्वारा अमिताभ बच्चन द्वारा जारी निगरानी याचिका खारिज किये जाने के बावजूद दौलतपुर में अभी भी उनकी खेती योग्य जमीन मौजूद है। दरअसल, जिल्द आकार संख्या-45 में वर्ष 2006 के मार्च में जिस समय अमिताभ बच्चन के नाम दो बीघा पांच बिस्वा नौ बिस्वांसी जमीन दर्ज की गयी थी। अमिताभ बच्चन को उसी समय मालूम हो चुका था कि यह जमीन उन्हे मिलने वाली नहीं है। इसके लिए उन्होंने उसी गांवों के दो किसानों से 'उतना ही रकबा' दो बीघा, पांच बिसवा, नौ बिस्वांसी जमीन 15 मई 2006 को खरीद ली। चार जुलाई 2006 को इस जमीन का दाखिल-खारिज अमिताभ बच्चन पुत्र हरिवंश राय बच्चन निवासी प्रतीक्षा 10-नार्थ साउथ जुहू पारले स्कीम मुम्बई के नाम हो गया। बैनामा कराया गयी भूमि का रकबा उतना ही इसलिए रखा गया ताकि यदि पुणे से रिपोर्ट मंगायी जाती है तो यह बताया जा सके कि 'बिग बी' अभी भी बाराबंकी के किसान है। फतेहपुर के तहसीलदार सुधीर रूंगटा ने बताया कि अमिताभ ने दौलतपुर में ही दो बीघा पांच बिस्वा नौ बिस्वांसी भूमि का बैनामा करा रखा है। इसका दाखिल-खारिज भी हो चुका है। उधर मुंबई महाराष्ट्र के रेवेन्यू मिनिस्टर नारायण राणे ने कहा है कि अगर अमिताभ बच्चन द्वारा पुणे के पास खेती के लिए खरीदी गई जमीन में धोखाधड़ी का मामला सामने आता है, तो उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है। राणे ने कहा कि यह पाए जाने पर कि अमिताभ किसान नहीं है, राज्य सरकार उनसे जमीन जब्त कर उन पर मुकदमा चलाएगी। पुणे में उनके और अभिषेक बच्चन के नाम से 20 एकड़ फार्मलैंड है। फैजाबाद की एक अदालत ने अमिताभ को किसान नहीं बताते हुए बाराबंकी जिले में उन्हें ट्रांसफर की गई जमीन का आवंटन रद्द करने का फैसला सुनाया है। अदालत ने अमिताभ के पुणे की जमीन पर भी सवाल उठाए थे। पुणे के डीएम प्रभाकर देशमुख ने बताया कि राज्य के कानून के अनुसार राज्य में कोई किसान ही खेती की जमीन खरीद सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चन ने खेतिहर होने के बारे में उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में खरीदी गई जमीन के कागजात की प्रति पेश की थी। उत्तर प्रदेश के फैजाबाद कोर्ट के फैसले के मद्देनजर यहां भी जांच जरूरी है। देशमुख ने कहा कि हम फैजाबाद के अदालत के फैसले की प्रति का इंतजार कर रहे हैं। अदालत का फैसला मिलने के बाद राजस्व अधिकारी से इसकी जांच कराई जाएगी। अमिताभ की जमीन पुणे के पावना बांध के निकट नैशनल हाइवे 4 के पास स्थित है, जिसे फार्महाउस के लिए बहुत उपयुक्त माना जाता है। बांध परियोजना में अपनी जमीन खोने वाले किसानों ने जब सितंबर 2006 में यह आवाज उठाई कि अमिताभ बच्चन और उनके बेटे को इतनी बड़ी और कीमती जमीन खेती के नाम पर क्यों दी गई, तो मावल के एसडीओ ने बच्चन परिवार को इसके लिए नोटिस जारी किया। उत्तर प्रदेश में फैजाबाद की एक अदालत के दिए फैसले के बाद अभिनेता अमिताभ बच्चान उस राज्य के किसान तो नहीं ही रहे, लेकिन अब महाराष्ट्र के पुणे में उनके और उनके अभिनेता पुत्र अभिषेक ने नाम से खरीदी गई खेती की 20 एकड़ जमीन पर भी ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है। पुणे के कलेक्टर प्रभाकर देशमुख ने कहा कि बच्चन ने अपने और अपने पुत्र के नाम से पावना बांध के नजदीक मावल तालुका में बीस एकड़ खेती की जमीन खरीदी थी। नियमों और कानूनों के अनुसार राज्य में कोई किसान ही खेती की जमीन खरीद सकता है। उन्होंनें कहा कि बच्चन ने खेतीहर होने के बारे में उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में खरीदी गई जमीन के कागजात की फोटोकॉपी पेश की थी। अब जबकि उत्तर प्रदेश के फैजाबाद डिस्ट्रिक कोर्ट का फैसला आ गया है कि उन्हें जमीन देने में अनियमितता की गई है तो यहां भी जांच आवश्यक है। देशमुख ने कहा कि फैजाबाद के कोर्ट के फैसले की प्रति का इंतजार है और उनसे कल ही इसे भेजने का आग्रह किया गया है। अदालत का फैसला मिलने के बाद राजस्व अघिकारी से इसकी जांच कराई जाएगी।

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