Friday 11 January 2008

पचास रुपए रोज में दुनिया की सबसे सस्ती कार ‘नैनो’


आप रोजाना पचास रुपए चुकाकर दुनिया की सबसे सस्ती कार ‘नैनो’ को अपने घर ले जा सकेंगे। एक लाख रुपए की डीलर प्राइस पर (जो टैक्स मिलाकर 1.20 लाख तक पड़ेगी) मिलने वाली यह कार मारुति- 800 से लंबाई में 8 फीसदी छोटी होगी, लेकिन भीतर 21 फीसदी ज्यादा जगह होगी। टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा के शब्दों में नैनो का एवरेज 20 किमी प्रति लीटर होगा।
चार साल पहले टाटा ने छोटी कार बनाने का सपना देखा। बढ़ती लागत व विरोध की सारी बाधाओं को पार करते हुए गुरुवार को नई दिल्ली आटो एक्सपो में कार पेश करते हुए रतन टाटा भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि यह देश के लिए गौरव के क्षण हैं, यह कार देश की तकनीकी और उद्यम क्षमता का सबूत है।


कीमत:


टाटा ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि कब तक कंपनी यह कीमत बरकरार रख पाएगी, जिसकी उम्मीद की जा रही है। ‘चार साल पहले परियोजना पर काम शुरू किया था, इस बीच लागत काफी बढ़ गई है, फिर भी वादा तो आखिर वादा है।’

टाटा ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा था कि कार एक लाख रुपए की होगी, यह मीडिया ने कहा और इस चुनौती को कंपनी ने स्वीकार किया।

मेकमैन मोटर्स, भोपाल के निदेशक प्रगति अग्रवाल का गणित है कि जो व्यक्ति 50 रुपए रोज किस्त चुका सकता है, वह इस कार को घर ले जा सकता है। उनके मुताबिक यह कार तकरीबन 1.20 लाख रुपए में पड़ेगी, जिसकी मासिक किस्त 1600-1700 रुपए प्रति माह आनी चाहिए।

सस्ती कार के बाद सस्ता जल शोधक (वाटर प्यूरिफायर) लाने का सपना देखने वाले रतन टाटा ने सभी प्रतिस्पर्धी कंपनियों से कहा कि संघर्ष करना है तो बाजार में करें।

1. चार सीट वाली नैनो को आप 50 रुपए रोज की किस्त चुकाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी मासिक किस्त करीब 1600 रुपए प्रति माह होगी।
2. पेट्रोल गाड़ी पर ढाई रुपए प्रति किलोमीटर का खर्च आएगा। हाईवे पर कंपनी एक लीटर में 26 किमी तक की उम्मीद कर रही है।
3. अगस्त के अंतिम सप्ताह में कार की बुकिंग शुरू हो जाएगी। अक्टूबर माह में कार सड़कों पर दिखाई देने लगेगी।
4. उत्तरांचल व पश्चिम बंगाल सहित 3-4 स्थानों पर यह कार बनाई जाएगी। सिंगुर कारखाने पर 1000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
5. टैक्सी आपरेटरों ने इंडिका की बुकिंग रोककर नैनो का इंतजार शुरू कर दिया है। इसमें पूंजी भी कम लगेगी और चलाने का खर्च भी कम होगा।(भास्कर नेटवर्क)

टाटा कार प्रोजेक्ट के विरोध प्रदर्शन

हुगली। दिल्ली में गुरुवार को टाटा मोटर्स ने अपनी लखटकिया कार का लोकार्पण किया। वहीं इस कार के निर्माण स्थल सिंगुर में लोगों ने लकड़ी की कार बनाई और उसमें आग लगाकर इसका विरोध जताया। कृषि जमीन रक्षा कमेटी के बैनर तले हुए इस प्रदर्शन के दौरान तृणमूल कांग्रेस और जनता दल (एस) के भी नेता मौजूद थे। दोपहर बाद तीन बजे के करीब कृषि जमीन रक्षा कमेटी के संयोजक बेचाराम मन्ना के नेतृत्व में सिंगुर थाने के समक्ष सैकड़ों किसान व कमेटी के सदस्य उपस्थित हुए। इसके बाद इलाके में टाटा मोटर्स का कारखाना लगाए जाने के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन किया। तकरीबन एक घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद कमेटी के सदस्यों ने लकड़ी की कार में आग लगाकर विरोध जताया।

कमेटी के संयोजक मन्ना ने कहा कि आज जो दिल्ली में टाटा मोटर्स द्वारा लखटकिया कार का लोकार्पण किया गया है, उसके विरोध में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि टाटा मोटर्स जो भी कर ले सिंगुर में टाटा का संयंत्र बनने नहीं देंगे, क्योंकि यहां लोगों को खेती के लिए जमीन चाहिए। मन्ना ने कहा कि जब से राज्य सरकार ने इलाके की जमीन का अधिग्रहण किया है, तब से कई किसान परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान आसपास पुलिस बल को तैनात किया गया था। इस मौके पर प्रदेश युवा तृणमूल के अध्यक्ष मदन मित्रा, स्थानीय विधायक रत्‍‌ना नाग डे, जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष श्याम बिहारी सिंह के अलावा कई नेता उपस्थित थे। धरना के बाद कमेटी की ओर से जुलूस निकाला गया। इसके अलावा इस परियोजना में रात्रि गार्ड के रूप में अनुबंध पर नियुक्त छंटनीग्रस्त मजदूरों के एक समूह ने भी यहां प्रदर्शन किया।

पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम के एक अधिकारी ने बताया कि इस समूह में करीब 130 प्रदर्शनकारी शामिल थे। हालांकि, वरिष्ठ अधिकारी द्वारा किसी अन्य कार्य में इन लोगों को नियुक्त किए जाने का आश्वासन दिए जाने के बाद सभी शांत हो गए।

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